अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कहा- मास्क जरूर पहनें; ट्रम्प बोले- नहीं पहनूंगा, मैं राष्ट्राध्यक्षों और तानाशाहों से मिलता हूं, ये ठीक नहीं होगा

 अमेरिका में अब तक दो लाख 77 हजार कोरोना से संक्रमित मिले हैं, जबकि 7 हजार 392 लोग जान गंवा चुके हैं। इस सबके बीच देश में अभी मास्क पहनने और नहीं पहनने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने लोगों से कहा है कि वे घर से निकलने से पहले मास्क जरूर पहनें। लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे मास्क नहीं पहनेंगे। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस को लेकर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ‘‘मास्क को लेकर सीडीसी ने सिर्फ सुझाव दिया है। यह हर किसी के लिए स्वैच्छिक होगा। आप ऐसा कर भी सकते हैं और नहीं भी। मैं ऐसा नहीं करूंगा। यह अच्छा रहेगा। मैं राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, तानाशाहों, राजाओं और रानियों से मिलता हूं। ऐसे में मास्क पहनना, मुझे नहीं लगता कि यह ठीक होगा। मैं इसे पहनने के सुझाव को अपने लिए नहीं मानता।'



मर्लिन के एक फायर स्टेशन पर प्राइमरी चुनाव के लिए हुई वोटिंग में लोग मास्क पहनकर वोट डालने पहुंचे।


मास्क को लेकर कई दिनों से अमेरिका में बहस जारी 


अमेरिकी लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी हो या नहीं, इसको लेकर पिछले कई दिनों से बहस जारी है। सीडीसी के अधिकारी लगातार ट्रम्प से कह रहे हैं कि वे लोगों को इसे लगाने की सलाह दें। यहां तक कि जो लोग स्वस्थ नजर आ रहे हैं उन्हें भी सार्वजनिक स्थानों पर संक्रमण से सुरक्षा के उपाय अपनाने के लिए कहें। वे मास्क लगाएं या किसी ऐसे स्कार्फ का इस्तेमाल करें, जिससे उनके नाक और मुंह ढक जाएं। हालांकि अभी तक ट्रम्प ने अमेरिकियों से ऐसी कोई अपील नहीं की है। उन्होंने कहा है कि जो लोग सीडीसी का सुझाव मानना चाहते हैं, वे कपड़ों से बने या सामान्य मास्क पहनें। अस्पताल कर्मचारियों या इमरजेंसी काम में लगे मजदूरों की तरह मेडिकल या सर्जिकल ग्रेड के मास्क नहीं पहनें।



न्यूयॉर्क की सड़कों पर लोग मास्क पहने नजर आ रहे हैं। यहां अभी तक घराें से बाहर निकलने पर पाबंदी नहीं है।


ट्रम्प ने अभी तक लोगों से घरों में रहने की अपील भी नहीं की 


अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 2 लाख के पार होने के बाद भी अभी तक लोगों को घरों में रहने के लिए नहीं कहा गया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजिजेज की डायरेक्टर डॉ एस एंथनी एस. फौसी ने ट्रम्प से देश भर में स्टे एट होम (घर पर रहने का) आर्डर जारी करने को कहा था। लेकिन, ट्रम्प ने उनका सुझाव भी नहीं माना। ट्रम्प ने कहा था कि वे इसका फैसला राज्यों के गवर्नर पर छोड़ते हैं। अगर गवर्नर चाहें तो अपने राज्यों में ऐसा आदेश लागू कर सकते हैं। ट्रम्प ने लोगों को केयर एक्ट के तहत सब्सिडाइज्ड बीमा लेने की इजाजत देने के बदले अस्पतालों को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए पैसे देने की बात कही है।